लाल बहादुर शास्त्री जी


# महापुरुषों/ महानायकों को नमन 


लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रति
गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

लाल बहादुर शास्त्री जी जैसा, नेता मिलना बहुत कठिन है आज
भाए सीधे -सच्चे मन के साथ, कैसे उनको कर दें नजरंदाज।

दो अक्टूबर सन् उन्निस सौ चार, हमें याद आता है बारम्बार 
निकट बनारस के जो मुगलसराय, वहाॅं लिया था नन्हा ने अवतार
माता राम दुलारी की पुचकार, पिता शारदा प्रसाद जी का प्यार
निर्धनता में रहता था परिवार, लेकिन कभी नहीं कोई लाचार

बने प्रधानमंत्री भारत के, दुष्टों पर थी गिरी उसी दिन गाज
भाए सीधे -सच्चे मन के साथ, कैसे उनको कर दें नजरंदाज।

डेढ़ साल के थे जब 'नन्हा' हाय, उनके पिता गए थे स्वर्ग सिधार
जिनका सादा जीवन उच्च विचार, कभी नहीं मानी जीवन में हार
मेहनत में भी कभी नहीं पीछे, दीन- दुःखी भी उन पर थे बलिहार
उनके अद्भुत साहस का परिणाम, जिसका लोहा मान रहा संसार

भ्रष्टाचार बढ़ाने में जो लिप्त, उस पर वे सचमुच होते नाराज
भाए सीधे- सच्चे मन के साथ, कैसे उनको कर दें नजरंदाज।

विद्यालय में पढ़ने का आरंभ, लाल बहादुर रखा गया था नाम
ठिगने कद वाले थे नन्हा किंतु, रुका नहीं था उनका कोई काम
कठिन परिस्थितियों में फॅंसे परंतु, संघर्षों से चाहा नहीं विराम
नहीं समय को किया कभी बरबाद ,मान लिया था है आराम हराम 

लेकर शास्त्री की उपाधि निकले, पीड़ित मानवता की वे आवाज
भाए सीधे- सच्चे मन के साथ, कैसे उनको कर दें नजरंदाज।

जय जवान जय किसान की बोल, मानवता को बना दिया अनमोल
पाकिस्तानी सपने करके ध्वस्त, थी खोली फिर अयूब खाॅं की पोल
त्याग दिया जो जीता था भू भाग, सद्भावों की घुट्टी दी हो घोल
कोसीगिन ने हाय बुलाया रूस, थे अयूब भी वहाॅं लगा कुछ झोल

समझौते के बाद रात में ही, बन्द हुआ उनके जीवन का साज
भाए सीधे -सच्चे मन के साथ, कैसे कर दें उनको नजरंदाज।

फूट फूटकर रोए थे सब लोग, भारत माता भी थी बहुत उदास
चले गए ललिता जी को वे छोड़, नहीं किसी को आया कुछ भी रास
सच्ची राजनीति में था संत्रास, मगर सुनहरा लिख डाला इतिहास
जो मतलब में चूर नहीं थे पास, ऐसा होने लगा हमें आभास

कथनी -करनी रही सदा ही एक, जो विरोध में वे भी करें लिहाज
भाए सीधे -सच्चे मन के साथ, कैसे उनको कर दें नजरंदाज।

 रचनाकार-उपमेंद्र सक्सेना एड०
 'कुमुद-निवास' 
बरेली (उत्तर प्रदेश)
 मोबा० नं०- 98379 44187

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7 Comments

बहुत ही सुंदर

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Suryansh

13-Oct-2022 05:08 PM

Wahhhh Outstanding Speechless

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Achha likha hai 💐

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